मनुष्य वही जो मनुष्यता की सीमाओं के पार जाए || आचार्य प्रशांत (2014)
2019-11-29
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वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
१४ दिसम्बर २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
हम सीमाओं के अन्दर क्यों जीते है?
सुरक्षा की मांग हमेशा क्यों ?
मनुष्य वही जो मनुष्यता की सीमाओं के पार जाए